आज वहि रिमझिम सावन है काले काले वादल हैं .
लेकिन साजन पास नहीं तो, बे मतलब यह वादल हैं.
प्यासी अखियाँ चौंक रही हैं कदमो की हर आहट पे .
ना जाने तुम कब आ जाओ मेरे घर की चोखट पे .
इसी आस में जाग रही हूँ अखियाँ नींद से वोझल हैं.
लेकिन साजन पास नहीं तो, बे मतलब यह वादल हैं.
खुद को खूब सजाती हूँ मैं, करती हुं सोलह श्रृंगार.
प्रियतम के स्वागत को प्रतिपल रहती हुं हर पल तैयार.
पलकों से घर साफ़ किया है, और सजाया आँचल है.
लेकिन साजन पास नहीं तो, बे मतलब यह वादल हैं.
पिछले सावन में मिल जुल कर करते थे हुं नादानी.
कितने सुहाने लगते थे तब वादल बिजली वारिश पानी .
आज उन्ही. यादों में खोया मन वेकल तन व्याकुल है .
लेकिन साजन पास नहीं तो, बे मतलब यह वादल हैं.
क्या तुमको भी याद आती हैं अपने प्यार की सब वातें.
तुमको भी क्या तडपाती हैं विरह की लम्बी रातें .
या फिर केवल हम हि तेरे प्यार में इतने पागल हैं .
आज वहि रिमझिम सावन है काले काले वादल हैं .
लेकिन साजन पास नहीं तो, बे मतलब यह वादल हैं.
लेकिन साजन पास नहीं तो, बे मतलब यह वादल हैं.
प्यासी अखियाँ चौंक रही हैं कदमो की हर आहट पे .
ना जाने तुम कब आ जाओ मेरे घर की चोखट पे .
इसी आस में जाग रही हूँ अखियाँ नींद से वोझल हैं.
लेकिन साजन पास नहीं तो, बे मतलब यह वादल हैं.
खुद को खूब सजाती हूँ मैं, करती हुं सोलह श्रृंगार.
प्रियतम के स्वागत को प्रतिपल रहती हुं हर पल तैयार.
पलकों से घर साफ़ किया है, और सजाया आँचल है.
लेकिन साजन पास नहीं तो, बे मतलब यह वादल हैं.
पिछले सावन में मिल जुल कर करते थे हुं नादानी.
कितने सुहाने लगते थे तब वादल बिजली वारिश पानी .
आज उन्ही. यादों में खोया मन वेकल तन व्याकुल है .
लेकिन साजन पास नहीं तो, बे मतलब यह वादल हैं.
क्या तुमको भी याद आती हैं अपने प्यार की सब वातें.
तुमको भी क्या तडपाती हैं विरह की लम्बी रातें .
या फिर केवल हम हि तेरे प्यार में इतने पागल हैं .
आज वहि रिमझिम सावन है काले काले वादल हैं .
लेकिन साजन पास नहीं तो, बे मतलब यह वादल हैं.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें